FCN24News /हरियाणा में शराब खरीदने वालों की शिकायत है कि सरकार ने ठेके खोल दिए हैं, फिर भी उन्हें दोगुने से भी अधिक रेट पर शराब खरीदनी पड़ रही है। फिर सरकार के ठेके खोलने का फायदा आम जनता को क्या मिला। इससे बढिय़ा तो इस रेट पर उन्हें घर बैठे ही शराब उपलब्ध हो रही थी, जबकि अब उन्हें लाईनों में लगकर पुलिस की निगरानी में शराब खरीदनी पड़ रही है। यह पीड़ा आज हर उस आदमी के चेहरे पर दिखाई दे रही है, जोकि शराब खरीदने ठेकों पर जा रहे हैं। लोगों का आरोप है कि शराब के दाम बढ़ाकर सरकार ने उनके साथ धोखा किया है। यहां बता दें कि राज्य में शराब के ठेके खुलते ही लोगों की भीड़ लग गई है। पहले दो से तीन दिनों तक तो ठेकों पर लंबी लाईन देखी गई, हाल फिलहाल स्थिति कंट्रोल में है। मगर जहां तक शराब के रेटों की बात करें तो लोगों को यह दोगुने दामों पर मिल रही है। जबकि इसी दाम पर घर बैठे माफिया शराब की बोतल लोगों को उपलब्ध करवा रहे थे। याद रहे कि राज्य में लॉकडाऊन लगने के दो दिन बाद हरियाणा में सरकार के ठेके बंद कर दिए गए थे। मगर जैसे ही दिल्ली व पड़ोसी राज्यों ने शराब के ठेके खोले तो हरियाणा में भी सरकार ने शराब बेचने की शुरूआत कर दी। देश भर में शराब के दाम 70 से 75 प्रतिशत बढ़ा दिए गए हैं। ठीक इसी तर्ज पर लोगों को हरियाणा में भी शराब मंहगी खरीदनी पड़ रही है, मगर बढ़े हुए दाम सरकार की बजाए ठेकेदारों की जेब में जा रहे हैं। इस बारे में आबकारी विभाग का कहना है कि उनका नियम यह है कि कोई भी ठेकेदार सरकार द्वारा निर्धारित किए गए रेट से कम पर शराब ना बेचे, मगर अधिक रेटों पर वह बेचने के लिए स्वतंत्र है। इसलिए यदि ठेकेदार शराब के अधिक दाम वसूल करता है तो उसमें सरकार उसका कुछ नहीं कर सकती। सरकार के इस नियम का लाभ उठाकर शराब ठेकेदार जमकर लोगों को निचोड़ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर लॉकडाऊन में अवैध रूप से शराब बेचने वालों पर भी शिकंजा कसने की शुरूआत हो चुकी है। डीसी यशपाल यादव ने शराब के स्टॉक की जांच के लिए चार टीमें गठित की हैं। जबकि जिन लोगों ने लॉकडाऊन में अवैध रूप से शराब बेची है, उनमें से तो कईयों ने पुलिस में शराब चोरी की शिकायत भी दर्ज करवाई है। ये ठेकेदार भी इस जांच कमेटी की रॉडार पर होंगे।
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