FCN24News/Faridabad: दिल्ली में डेढ़ माह के लॉकडाउन से व्याकुल मजदूर अब किसी तरह अपने गांव लौट जाना चाहते हैं। ऐसे ही लगभग 250 मजदूरों ने रेलवे लाइन के किनारे फरीदाबाद की ओर कूच कर दिया, लेकिन पुलिस ने उन्हें वापस दिल्ली सीमा में खेदड़ दिया।
Flock of Delhi workers enter Faridabad, police chased
एक ओर विदेशों में मजदूरी करने गए लोगों को वायुयानों और जलयानों से स्वदेश लाया जा रहा है, क्योंकि वे डॉलर कमाते हैं। देसी मजदूरों की ये गत हो रही है कि वे अपने संसाधनों और कुछ नहीं तो 11 नंबर की गाड़ी से गांव जाना चाहते हैं।
हालांकि दिल्ली-एनसीआर के नीति-नियंताओं को लगता है कि ये मजदूर चले गए, तो अर्थव्यवस्था कैसे चलेगी।
उन्हें देश की अर्थव्यवस्था की तो चिंता है, लेकिन मजदूरों की घरेलू अर्थव्यस्था कितनी बिगड़ चुकी है। इसका उन्हें अंदाजा नहीं है।
वे अपनी अर्थव्यवस्था को गरमाइश देने के लिए मजदूरों को ईंधन की तरह कोरोना की भट्ठी में झोंकने के लिए तैयार है।
यही वजह है कि जहां-तहां मजदूरों को रोका जा रहा है। जब तय हो चुका है कि मजदूर जाने के लिए स्वतंत्र हैं। केंद्र और राज्य सरकारें घोषणा कर रही है कि हमने इतनी ट्रेनें और बसें मजदूरों के लिए चलाईं। तो फिर पैदलयात्रा कर रहे मजदूरों को क्यों रोका जा रहा है।
बहरहाल, दिल्ली के कुछ मजदूर रविवार को श्रीनिवास पुरी ओखला से रेलवे लाइन लाइन के साथ चलते हुए फरीदाबाद के लखनपुर फाटक पहुंच गए थे। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सभी को रोका और वापस दिल्ली सीमा में भेज दिया।
मजदूरों की संख्या लगभग 250 बताई जा रही है।
मजदूर दिल्ली की सीमा में अभी डटे हुए हैं।
सूत्रों से पता चला है कि रोजाना हजारों की संख्या में मजदूर रात को 10.00 बजे राष्ट्रीय राजमार्ग पर पैदल पहुंचते हैं तथा वाहनों ट्रकों के माध्यम से यूपी वा एमपी के विभिन्न जिलों में जा रहे हैं। पुलिस रात को नाकों पर नहीं होती है।
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