विधायकों की अनदेखी करने वाले अफसरों पर कार्रवाई नहीं चाहती सरकार !

ब्यूरो: एक तरफ हरियाणा सरकार विधायकों की सुनवाई न करने वाले अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की बात कर रही है, तो दूसरी तरफ विधानसभा द्वारा इस मामले में कार्रवाई करने वाली विशेषाधिकार हनन कमेटी का गठन नहीं किया गया है। विधानसभा स्पीकर द्वारा बुधवार की रात विधानसभा की कमेटियों का गठन कर दिया गया है। इसमें विशेषाधिकार हनन कमेटी को छोड़ दिया गया है।

Haryana: Government does not want to act on officers who ignore MLSs!

हरियाणा विधानसभा में पहली बार विधायकों को उनकी पसंद की कमेटियों में जगह मिली है।

इस बार स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने सभी विधायकों से कमेटियों में शामिल होने के लिए तीन-तीन विकल्प मांगे थे।

बुधवार को अलग-अलग 12 कमेटियों के गठन का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया।

पिछली बार की तरह इस बार भी विशेषाधिकार हनन कमेटी का गठन नहीं हो सका है।

विधानसभा में इसे सबसे पावरफुल कमेटी माना जाता है। इस कमेटी में शामिल होने के लिए विधायकों में होड़ भी रहती है।

इसका बड़ा कारण यह है कि विधायकों की अनदेखी के मामले में इसी कमेटी के पास अधिकारियों को तलब करने के अधिकार हैं।

विधायकों तक के मामलों की सुनवाई यही कमेटी करती है।

विधानसभा स्पीकर द्वारा विधायकों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये की गई बैठक में भी विशेषाधिकार हनन कमेटी का मुद्दा उठा था।

इसी बैठक में विधायकों ने अधिकारियों पर फोन तक नहीं उठाने के आरोप जड़े थे।

सरकार ने लिखित में अधिकारियों को सांसदों व विधायकों की सुनवाई करने के आदेश भी जारी किए।

वहीं दूसरी ओर, बुधवार को गठित की गई अलग-अलग 12 कमेटियों में से अधिकांश विधायकों को मनचाही कमेटियों में जगह मिली है।

सभी बारह कमेटियों के चेयरमैन की पहली बैठक स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने 9 जून को बुलाई है।

विधानसभा में होने वाली इस बैठक में कमेटियों को प्रभावी बनाने की रणनीति बनेगी।

अभी तक कमेटियां रुटीन में बैठकें करती रहीं और हर साल उनकी रिपोर्ट सदन में पेश होती रही।

हर विभाग की कमेटी को प्रभावशाली ही नहीं शक्तिशाली भी बनाया जाएगा।

अधिकारियों की जवाबदेही तय होगी। कमेटियों की सिफारिश पर काम होगा।

हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता के अनुसार बहुत जल्द विशेषाधिकार हनन कमेटी का गठन कर दिया जाएगा।

गठित कमेटियों के चेयरमैन की 9 को बैठक बुलाई है। सभी कमेटियों की वर्किंग में सुधार पर विस्तृत रूप से चर्चा होगी।

कमेटियों के संतुलन पर सवाल

हरियाणा विधानसभा स्पीकर द्वारा गठित कमेटियां सवालों के घेरे में आ गई हैं।

इन कमेटियों में जातिगत व महिलाओं के दृष्टिकोण से संतुलन नहीं बन पाया है।

आमतौर पर कमेटियां स्टडी टूर के लिए अलग-अलग राज्यों में भी जाती हैं।

ऐसे में अगर कमेटी में कम से कम दो महिलाएं शामिल होती हैं।

इसी तरह से अनुसूचित जाति, जनजाति व पिछड़ा वर्ग कल्याण समिति को जातियों तक सीमित करने को लेकर सोशल मीडिया पर सवाल उठे हैं।

कमेटियों को जाति की सीमा में बांधने को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।