संवाददाता:- (हरक्यूलिस पांडेय)

FCN24News/नईदिल्ली

हम अपने घरों में पालतू जानवर तो रखते हैं लेकिन जाने-अनजाने में उनके साथ कई बार ऐसे सलूक करते हैं, जो अपराध की श्रेणी में आता है. इसकी हमें सजा भी मिल सकती है. इसी तरह हमारे आसपास घूमने वाले जानवरों के साथ भी हमारा व्यवहार बहुत मायने रखता है. कई ऐसी बातें हैं, जो हमें शायद नहीं मालूम, लेकिन भारतीय कानूनों की नजर से वो भी अपराध की श्रेणी में आते हैं. भारतीय संविधान के तरह 15 ऐसे कानून बनाए गए हैं, जो हमें मालूम होने चाहिए.

1.अनुच्छेद 51(A )

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51(A) के मुताबिक, हर जीवित प्राणी के प्रति सहानुभूति रखना भारत के हर नागरिक का मूल कर्तव्य है.



2.क्रूएलिटी एक्ट

कोई भी पशु (मुर्गी समेत) सिर्फ बूचड़खाने में ही काटा जाएगा. बीमार और गर्भ धारण कर चुके पशुओं को मारा नहीं जाएगा. प्रिवेंशन ऑफ क्रूएलिटी ऑन एनिमल्स एक्ट और फूड सेफ्टी रेगुलेशन में इस बात पर स्पष्ट नियम हैं.

3. पशु को मारना

- भारतीय दंड संहिता की धारा 428 और 429 के मुताबिक किसी पशु को मारना या अपंग करना, भले ही वह आवारा क्यों न हो, दंडनीय अपराध है,

4. पशु को आवारा बनाना

- प्रिवेंशन ऑफ क्रूएलिटी ऑन एनिमल्स एक्ट (पीसीए) 1960 के मुताबिक किसी पशु को आवारा छोड़ने पर तीन महीने की सजा हो सकती है.


5. बंदरों को सुरक्षा

- वाइल्डलाइफ एक्ट के तहत बंदरों को कानूनी सुरक्षा दी गई है. कानून कहता है कि बंदरों से नुमाइश करवाना या उन्हें कैद में रखना गैरकानूनी है.

6. कुत्तों के लिए कानून

इस नियम के तहत कुत्तों को दो श्रेणियों में बांटा गया है. पालतू और आवारा. कोई भी व्यक्ति या स्थानीय प्रशासन पशु कल्याण संस्था के सहयोग से आवारा कुत्तों का बर्थ कंट्रोल ऑपरेशन कर सकती है. उन्हें मारना गैरकानूनी है.

7. खाना-पानी न देना अपराध

- जानवर को पर्याप्त भोजन, पानी, शरण देने से इनकार करना और लंबे समय तक बांधे रखना दंडनीय अपराध है. इसके लिए जुर्माना या तीन महीने की सजा या फिर दोनों हो सकते हैं.


8. पशुओं को लड़ाना

- पशुओं को लड़ने के लिए भड़काना, ऐसी लड़ाई का आयोजन करना या उसमें हिस्सा लेना संज्ञेय अपराध है.

9. एनिमल टेस्टिंग

- ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक रूल्स 1945 के मुताबिक जानवरों पर कॉस्मेटिक्स का परीक्षण करना और जानवरों पर टेस्ट किये जा चुके कॉस्मेटिक्स का आयात करना प्रतिबंधित है.

10. बलि पर बैन

- स्लॉटरहाउस रूल्स 2001 के मुताबिक देश के किसी भी हिस्से में पशु बलि देना गैरकानूनी है.

11. चिड़ियाघर का नियम

- चिड़ियाघर और उसके परिसर में जानवरों को चिढ़ाना, खाना देना या तंग करना दंडनीय अपराध है. पीसीए के तहत ऐसा करने वाले को तीन साल की सजा, 25 हजार रुपये का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.

12. पशुओं को ले जाना

- पशुओं को असुविधा में रखकर, दर्द पहुंचाकर या परेशान करते हुए किसी भी गाड़ी में एक जगह से दूसरी जगह ले जाना मोटर व्हीकल एक्ट और पीसीए एक्ट के तहत दंडनीय अपराध है.

13. तमाशा नहीं

- पीसीए एक्ट के सेक्शन 22(2) के मुताबिक भालू, बंदर, बाघ, तेंदुए, शेर और बैल को मनोरंजन के लिए ट्रेन करना और इस्तेमाल करना गैरकानूनी है.

14. घोंसले की रक्षा

- पंछी या सरीसृप के अंडों को नष्ट करना या उनसे छेड़छाड़ करना या फिर उनके घोंसले वाले पेड़ को काटना या काटने की कोशिश करना शिकार कहलाएगा. इसके दोषी को सात साल की सजा या 25 हजार रुपये का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.

15- जंगली जानवरों को कैद करना

- किसी भी जंगली जानवर को पकड़ना, फंसाना, जहर देना या लालच देना दंडनीय अपराध है. इसके दोषी को सात साल की तक की सजा या 25 हजार रुपये का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

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