FCN24NEWS,महिला उत्पीड़न और फर्जी विवाह के लगातार बढ़ते मामलों को लेकर राज्य महिला आयोग ने आज कड़ी प्रतिक्रिया दी है। आयोग की अध्यक्षा ने बताया कि हाल के दिनों में कई ऐसे गंभीर मामले सामने आए हैं जिनमें पुलिस विभाग से जुड़े कर्मी और संगठित गिरोह सक्रिय पाए गए हैं।
पहला मामला करनाल से संबंधित है, जहाँ एक पुलिस कर्मी पर अपनी पत्नी के साथ लगातार 12 वर्षों से शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना करने के गंभीर आरोप लगे हैं। पत्नी की ओर से बार-बार शिकायत किए जाने के बावजूद, आरोपी पुलिसकर्मी न केवल मारपीट करता रहा बल्कि कई बार मारपीट की वीडियो रिकॉर्डिंग कर उसे धमकी के रूप में उपयोग करता रहा।
आयोग ने कहा — “अगर कोई पुलिस में कार्यरत है तो इसका अर्थ यह नहीं कि उसे अपनी पत्नी को प्रताड़ित करने की आज़ादी मिल जाती है। यह बेहद चिंताजनक है कि ऐसे मामलों में अधिकारी अक्सर एक-दूसरे को बचाने की कोशिश करते हैं।”
दूसरा और तीसरा मामला गुरुग्राम और फरीदाबाद से संबंधित है। आयोग ने बताया कि गुरुग्राम के एक क्लब में कार्यरत कृतिका नामक युवती को अरेस्ट किया गया है, जो पिछले वर्षों में आठ बार विवाह कर चुकी थी और पुरुषों से पैसों की ठगी करती थी। इस मामले में आयोग ने तीन पुलिस अधिकारियों को बुलाकर सख्त निर्देश दिए, जिसके बाद युवती को गिरफ्तार किया गया।
इसी प्रकार, गुरुग्राम में ही प्रियंका मेहता नामक महिला का मामला सामने आया है, जो पिछले 26 वर्षों से फर्जी रिश्तों और ब्लैकमेलिंग के माध्यम से पुरुषों से पैसे ऐंठने का कार्य कर रही थी। आयोग के पास उपलब्ध ऑडियो रिकॉर्डिंग्स के अनुसार, वह कई पुरुषों से लाखों रुपये वसूल चुकी है।
इस मामले में शिकायतकर्ता ने बताया कि वह लंबे समय से इस जाल में फंसा हुआ था और आयोग से सहायता लेने के बाद ही उसे राहत मिली।
आयोग ने इस प्रकरण में मुख्यमंत्री एवं डीजीपी हरियाणा से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। अध्यक्षा ने कहा —
“इस तरह के मामलों पर पुलिस की प्रतिक्रिया बेहद धीमी है। तीन दिन बीतने के बाद भी एफआईआर दर्ज होने के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई। क्या किसी परिवार को तब तक इंतज़ार करना चाहिए जब तक पीड़ित परिवार की 76 वर्षीय बुज़ुर्ग माँ कोई चरम कदम उठा ले?”
आयोग ने चेतावनी दी है कि यदि इन मामलों में शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो महिला आयोग स्वतः संज्ञान लेकर सख्त कदम उठाएगा। साथ ही, आयोग ने सभी महिलाओं से अपील की है कि वे ऐसे किसी भी उत्पीड़न या ठगी के मामले को छिपाएं नहीं, बल्कि सीधे महिला आयोग या स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज करवाएं।
إرسال تعليق