FCN24News,Chandigarh: एक तरफ जहां केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन को धीरे-धीरे समाप्त किया जा रहा है, वहीं हरियाणा सरकार ने भी स्कूल खोलने तैयारी शुरू कर दी है। शिक्षा विभाग द्वारा इस संबंध में एक ड्राफ्ट नीति तैयार करनी शुरू कर दी है, जिसे केंद्र को भेजा जाएगा
हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुज्जर ने बुधवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में बताया कि केंद्र की तरफ से स्कूलों को खोलने के संबंध में कोई फैसला राज्य सरकारों पर छोड़ा गया है।
राज्य सरकारों द्वारा अपनी परिस्थितियों के अनुसार फैसला लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कोरोना अब सिस्टम का हिस्सा बन चुका है। इसके साथ ही अपना बचाव करते हुए जीवन को आगे बढ़ाना होगा। कोरोना के भय से ज्यादा लंबे समय तक गतिविधियों का संचालन नहीं रोका जा सकता है।
उन्होंने बताया कि जुलाई माह से स्कूल खोलने पर विचार किया जा रहा है।
हरियाणा में तीन चरणों में स्कूल खोले जाएंगे।
पहले चरण में दसवीं,11वीं तथा 12वीं की कक्षाएं शुरू की जाएंगी।
दूसरे चरण में छठी से नौवीं तक की कक्षाओं का संचालन शुरू होगा।
तीसरे व अंतिम फेज में पहले से पांचवीं तक की कक्षाएं शुरू की जाएगी।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि अभी इस बात पर मंथन किया जा रहा है कि रोजाना दो सत्रों में स्कूल लगाकर आधे बच्चे सुबह के समय और आधे शाम के समय बुलाए जाएं या फिर आधे बच्चे एक दिन और आधे बच्चे एक दिन बुलाकर पढ़ाए जाएं।
इसका मुख्य उद्देश्य कक्षाओं में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य करना है।
उन्होंने बताया कि इन दोनों डेमों पर काम किया जाएगा।
इसके लिए विशेषज्ञों के सुझाव लिए जा रहे हैं।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि दसवीं के बाद जो बच्चो आर्ट्स या कॉमर्स में जाना चाहते हैं, उनका परीक्षा परिणाम औसत के आधार पर तैयार किया जाएगा।
जो बच्चे साइंस के संकाय में जाना चाहते हैं, उनके लिए परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा।
अगले सप्ताह सोमवार तक दसवीं का परीक्षा परिणाम घोषित किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि केंद्र के निर्देशानुसार 12वीं कक्षाओं की परीक्षाओं का आयोजन एक से 15 जुलाई के बीच किया जाएगा।
इसके लिए भी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
निकाले गए पीटीआई को मिलेगी वरीयता
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हरियाणा सरकार द्वारा वर्ष 1983 में हुई पीटीआई भर्ती को खारिज किए जाने के मुद्दे पर बोलते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करना और उसे लागू करना सरकार की डयूटी है।
उन्होंने कहा कि जिस अथॉरिटी ने भर्ती की उसके खिलाफ भी जांच होनी चाहिए।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि निकट भविष्य में कुछ भर्तियां होनी हैं।
उनमें इन पीटीआई को कुछ राहत दी जा सकती है।
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