FCN24News,फरीदाबाद:आज फा. दीपक त्रिपाठी ,फार्मा एक्टिविस्ट (PPWF, AIPF Group)द्वारा हरियाणा स्टेट फार्मेसी काउंसिल पंचकूला, हरियाणा को उपरोक्त विषय पर अपने द्वारा अनेकों बार आपको अपने फार्मेसी प्रोफेशन में हो रहे भ्रष्टाचार व गैरकानूनी कार्यों को लेकर शिकायत पत्र भेजा गया है औऱ कई मेडिकल स्टोर संचालको व फार्मासिस्ट्स के बारे में शिकायत भी की गई है लेकिन आप द्वारा कोई सख्त कार्यवाही नहीं की जा रही है। आपको बताना चाहता हूं कि प्रदेश भर में कई मेडिकल संचालक व फार्मासिस्ट्स द्वारा फार्मासिस्ट सर्टिफिकेट किराये पर खरीदने व बेचने का गौरखधंधा चल रहा है। फार्मासिस्ट का सर्टिफिकेट किराये पर लेकर मेडिकल संचालक स्वयं ही फार्मासिस्ट की अनुपस्थिति में जनता को दवाई वितरण करते हुए पाए जाते हैं जो कि फार्मेसी एक्ट 1948 के सेक्शन 42 व PPR 2015 का खुले आम उल्लंघन है और जनस्वास्थ्य से भारी खिलवाड़ है।

फार्मासिस्ट्स द्वारा मेडिकल स्टोर पर अपना रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट किराये पर बेचने के कारण ही यह गौरखधंधा पनप रहा है। निम्नलिखित मेडिकल स्टोर्स की शिकायत कई बार दे चुका हूं कि यहाँ फार्मासिस्ट उपस्थित नहीं होता है और मेडिकल स्टोर संचालक व वहां कार्यरत व्यक्ति ही डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन पर दवाई वितरण करते हुए पाए जाते हैं जो कि एक्ट व कानून का उल्लंघन है। अभी भी निम्नलिखित मेडिकल स्टोर गैरकानूनी रूप से चल रहे हैं और अयोग्य व्यक्ति दवाई वितरण का कार्य कर रहे हैं जिन्हें कानून का डर नहीं है।

फार्मासिस्ट्स अन्य जगह कार्यरत रहते हैं। कई मेडिकल स्टोर पर फार्मासिस्ट्स रजिस्ट्रेशन की आड़ में व फार्मासिस्ट्स की अनुपस्थिति में उनके रिश्तेदार ही दवाई वितरण व सलाह कार्य कर रहे हैं जो कि जनस्वास्थ्य से खिलवाड़ है और प्रशासन व जनता के साथ धोखा भी है। ड्रग अधिकारी दावा करते हैं कि हरेक मेडिकल स्टोर ओर फार्मासिस्ट उपस्थित रहते हैं और दवाई वितरण कार्य अनाधिकृत व अयोग्य व्यक्ति नहीं कर रहे हैं जबकि 70% मेडिकल स्टोर किराये के फार्मासिस्ट सर्टिफिकेट पर चल रहे हैं और फार्मासिस्ट स्टोर पर मौजूद नहीं हैं। आंखों देखा हाल है।
फ़रीदाबाद शहर भर सहित प्रदेश व देशभर में फॉर्मेसी एक्ट 1948 की धारा 42 व PPR2015 के नियमों का उल्लंघन हो रहा है जिसकी पालना के लिये सरकार की तरफ से कोई भी अधिकारी नियुक्त नहीं है और एक्ट के उल्लंघन पर कार्यवाही करने को लेकर सरकार की तरफ से किसी भी सरकारी अधिकारी व विभाग की जिम्मेदारी तय नहीं है। ड्रग विभाग व स्टेट फार्मेसी कौंसिल अधिकारी फार्मेसी एक्ट 1948 व PPR2015 अनुसार से कार्यवाही करने से मना करते हैं, अपना पल्ला झाड़ते है जिस कारण फ़रीदाबाद जिले सहित देशभर में 70% मेडिकल स्टोर पर अयोग्य/अनाधिकृत व्यक्ति हरेक तरह की नशीली व प्रतिबन्धित दवाई जनता में वितरण कर रहे हैं बिना बिल के। यह सब सम्बंधित विभाग के अधिकारियों के संरक्षण में ही संभव हो पा रहा है ।

सम्बंधित विभाग द्वारा हरियाणा FDA व council की वेबसाइट पर हरेक मेडिकल स्टोर व फार्मासिस्ट का डाटा भी अपडेट नहीं है। कई बार इस बारे में सम्बंधित उच्च अधिकारियों को पत्र भेज चुका हूं। प्रदेश में मेडिकल स्टोर की कुल संख्या कितनी है पारदर्शिता नहीं है और न ही फार्मासिस्ट्स का आधार कार्ड व पेनकार्ड उनके रजिस्ट्रेशन नंबर से लिंक किया हुआ है। कानून के रक्षक ही भक्षक बने बैठे हैं और उन्ही की मिलीभगत व संरक्षण में यह धंधा चल रहा है क्योंकि किराये के सर्टिफिकेट रजिस्ट्रेशन पर चल रहे लाखों मेडिकल स्टोर से अधिकारियों की अवैध कमाई होती है औरशायद इसका कुछ हिस्सा विभाग मंत्री तक भी पहुंचता हो यह भी शक है तभी फार्मासिस्ट लाइसेंस/सर्टिफिकेट किराएबाज़ी का धंधा काफी समय से देश मे पनप रहा है और इसीलिए संसद द्वारा बने कानून(फार्मेसी एक्ट 1948, PPR 2015) के लिये किसी भी अधिकारी की ड्यूटी नही लगाई गई और जिम्मेदारी तय नहीं की गई।

 देशभर में फार्मेसी एक्ट सेक्शन 42 का उल्लंघन हो रहा है। ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940, नियम 1945  के शेड्यूल N का उल्लंघन हो रहा है। अयोग्य/अनाधिकृत व्यक्ति द्वारा व्यक्तिगत स्वार्थ हेतु सरकार द्वारा विभिन्न प्रतिबंधित शेड्यूल व MTP कीट की दवाइया फार्मासिस्ट सर्टिफिकेट/लाइसेंस की आड़ में चल रहे मेडिकल स्टोर  से फार्मासिस्ट की अनुपस्थिति में वितरित की जा रही हैं। आम जनता को मेडिकल स्टोर पर फार्मासिस्ट(योग्य व्यक्ति) की पहचान हो सके एक्ट में दिए गये नियमों की पालना नही की जा रही है और न ही अधिकारियों द्वारा करवाई जा रही है। फार्मासिस्ट की पहचान के लिये फार्मासिस्ट रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट/लाइसेन्स मुख्य द्वार पर मेडिकल संचालक द्वारा प्रदर्शित नहीं किया जाता है और न ही फार्मासिस्ट PPR 2015 , नियम 3.3 3.4, 3.5 के अनुसार सफेद कोट व नाम प्लेट पहनकर रखता है क्योंकि इससे झोलाछाप/अवैध मेडिकल स्टोर व नकली फार्मासिस्ट बनकर दवाई वितरण करने वालों का भंडाफोड़ हो जाएगा। कृपया इस बिंदु/नियम की सख्ती से पालना करवाएं ।

 निम्नलिखित मेडिकल स्टोर के फार्मासिस्ट्स की cbi जांच करवाएं और मेडिकल संचालक व अनुपस्थित फार्मासिस्ट पर कानूनी कार्यवाही करें। कृपया शिकायत दर्ज करें और नियमानुसार कार्यवाही करें:-
अशोका मेडिकल स्टोर, कृष्णा मेडिकल स्टोर, शर्मा केमिस्ट, लिटिल एंजेल मेडिकोज, ललित मेडिकल स्टोर, अग्रवाल मेडिकल स्टोर, सुनील मेडिकल हाल, तायल मेडिकल स्टोर, श्री रामेश्वरम मेडिकल स्टोर, दीप मेडीकल स्टोर, दहिया मेडीकल स्टोर, डबुआ-जवाहर कॉलोनी 60 फुट, एयर फोर्स सड़क मार्केट। कृपया करके मेडिकल स्टोर पर अनुपस्थित फार्मासिस्टों व फार्मासिस्ट रजिस्ट्रेशन की आड़ में दवा वितरण करने वालों पर उपरोक्त दोनों एक्ट के तहत क़ानूनी कार्यवाही की जाए। फ़रीदाबाद जिले में मेडिकल स्टोर पर अनुपस्थित व अपना रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट किराये पर बेचकर अन्य जगह कार्य करने वाले फार्मासिस्टों  की  उच्चस्तरीय CBI/police जाँच कराई जाए जीससे कि गैरकानूनी कार्य करने वालो में कानून का डर बने और जिला, प्रदेश व राष्ट्र से फार्मेसी प्रोफेशन में हो रहा भ्रष्टाचार जड़ से खत्म हो। हमारे ग्रुप के फार्मा एक्टिविस्ट  जनहित व राष्ट्रहित में भ्रष्टाचार के  खिलाफ प्रशासन व सरकार के साथ 24×7 डे तैयार हैं।


1 Comments

  1. Right decision...stop renting system of pharmacy license...

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